1 अप्रैल से मंहगा होगा इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल, टेलीकॉम कंपनियों का क्या है प्लान?
Mobile Prepaid and postpaid plans to get dearer from April 1 : 1 अप्रैल से मोबाइल पर बात करना महंगा हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियां आने वाले महीनों में टैरिफ प्लान के रेट में बढ़ोतरी कर सकती हैं.
बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां 1 अप्रैल से दरों में वृद्धि करने की तैयारी में हैं.
बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां 1 अप्रैल से दरों में वृद्धि करने की तैयारी में हैं.
Mobile Prepaid and postpaid plans to get dearer from April 1 : 1 अप्रैल से मोबाइल पर बात करना महंगा हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियां आने वाले महीनों में टैरिफ प्लान के रेट में बढ़ोतरी कर सकती हैं. इससे ग्राहक को मोबाइल पर बात करना और इंटरनेट यूज करना महंगा पड़ने वाला है. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां 1 अप्रैल से दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी में हैं.
Mobile Prepaid and postpaid plans to get dearer from April 1 : इन्वेस्टमेंट इनफार्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (ICRA) की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल से शुरू हो रहे कारोबारी साल 2021-22 में अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए कंपनियां एक बार फिर टैरिफ प्लान महंगे कर सकती हैं. हालांकि इनकी कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी इसको लेकर अभी कोई खुलासा नहीं किया गया है.
Mobile Prepaid and postpaid plans to get dearer from April 1 : ICRA का कहना है कि टैरिफ में बढ़ोतरी और ग्राहकों का 2G से 4G में अपग्रेडेशन से एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) यानि प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार हो सकता है. साल के बीच तक यह करीब 220 रुपये हो सकता है. इससे अगले 2 साल में इंडस्ट्री का रेवेन्यू 11% से 13% और कारोबारी साल 2022 में आपरेटिंग मार्जिन करीब 38% बढ़ेगा.
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कोरोना महामारी का असर
Mobile Prepaid and postpaid plans to get dearer from April 1 : कोरोना महामारी टेलीकॉम इंडस्ट्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ा. लॉकडाउन में Data यूजेज और टैरिफ में बढ़ोतरी के कारण स्थिति में सुधार हुआ. वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन क्लासेस के कारण डेटा का इस्तेमाल बढ़ा है.
टेलीकॉम कंपनियों पर 1.6 लाख करोड़ रुपये बकाया
Mobile Prepaid and postpaid plans to get dearer from April 1 : टेलीकॉम कंपनियों पर कुल एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का बकाया 1.69 लाख करोड़ रुपये है. वहीं, अब तक सिर्फ 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपये ही चुकाए हैं. एयरटेल पर करीब 25,976 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 50399 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 16,798 करोड़ रुपये का बकाया है. कंपनियों को 10 फीसदी रकम चालू कारोबारी साल में और बाकी आगे देनी है.
2019 में बढ़ाई गई थीं टैरिफ की दरें
Mobile Prepaid and postpaid plans to get dearer from April 1 : बता दें कि 2019 में पहली बार कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाये थे. टेलीकॉम कंपनियों ने दिसंबर 2019 में टैरिफ की दरें बढ़ाई थीं.
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09:56 PM IST